



नागपुर: नागपुर विश्वविद्यालय का वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 605 करोड़ 16 हजार रुपये का बजट पेश किया गया. बजट में 45.64 करोड़ के घाटे का अनुमान बताया गया है जबकि बजट में कुल आय का 80 प्रतिशत परीक्षा विभाग पर खर्च किया जाएगा.
नागपुर विश्वविद्यालय की अधिसभा का आयोजन विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभागार में किया गया था. अध्यक्षता कुलपति डॉ प्रशांत बोकारे ने की. इस बजट में परीक्षा से प्राप्त कुल आय का 80 प्रतिशत परीक्षा विभाग पर खर्च करने का प्रावधान किया गया है.
साथ ही परीक्षा विभाग के कम्प्यूटरीकरण, परीक्षा में सुधार और अन्य आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए इस बजट में 13 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा बजट में डाॅ. आंबेडकर लॉ कॉलेज को 2 करोड़, नॉलेज रिसोर्स सेंटर के लिए 1.10 करोड़ रुपये, शारीरिक शिक्षा विभाग के लिए 1 करोड़, फार्माकोलॉजी विभाग के लिए 75 लाख रुपये, इनडोर स्टेडियम के लिए 30 लाख रुपये, विश्वविद्यालय के विभिन्न परिसरों के लिए 7 करोड़, नए प्रशासनिक भवन के शेष कार्य के लिए 50 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं.
इसके साथ ही विश्वविद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक विभागों, छात्रावासों, पुस्तकालयों और शौचालय भवनों की मरम्मत और रखरखाव समेत कई विभागों के लिए निधि प्रदान की गई है.
परीक्षा फीस होगी वापस
राष्ट्रसंत तुकाडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने उन उम्मीदवारों की री-इवैल्यूएशन फीस लौटाने का निर्णय लिया है, जिन्होंने अपने पेपरों के पुनर्मूल्यांकन के बाद शीतकालीन सत्र 2023 में परीक्षाओं को पास किया. सोमवार को हुई सीनेट की बैठक में स्नातक छात्रों के प्रतिनिधि विष्णु चांगड़े और अधिवक्ता मनमोहन वाजपेई ने परीक्षा से जुड़े मुद्दे उठाये. विष्णु चांगड़े ने कहा कि पिछले सात वर्षों से सदस्य उत्तीर्ण घोषित किए गए छात्रों के लिए पुनर्मूल्यांकन शुल्क की प्रतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं। सीनेट ने पारित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.