गढ़चिरौली: विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए नक्सलियों ने सरकार को सबक सिखाने का आवाहन किया है। नक्सलियों को सजा दिलाने वाली स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता ने पत्र जारी कर यह आवाहन किया है।
पत्र में नक्सलियों ने लिखा, न्यूनतम बुनियादी मूल्य अधिनियम, स्वामीनाथन आयोग को लागू करना, कर्ज माफी, 2013 भूमि अधिग्रहण कानून को रद्द करने जैसी कुल 13 मांगों को लेकर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की सीमाओं पर ‘शंभू बॉर्डर’ पर किसानों को रोका गया है। कंटीले तारों की बाड़, शिशु पुलिस का प्रयोग कर अन्नदाताओं के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
आंदोलन को दबाने के लिए फायरिंग भी की गई. उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही बताया जा रहा है. आदिवासी इलाकों में भी यही जुल्म जारी है और पांचवीं अनुसूची लागू किए बगैर उनकी जल और जंगल जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कुछ उद्योगपतियों के 7-8 लाख करोड़ रुपये कर्ज माफ कर दिये गये. नियम-कायदों को तोड़-मरोड़ कर उनके लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल के पेड़ खदानों के लिए काटे जा रहे हैं.
बस्तर में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर सभी पर्यावरण कानूनों का पालन कराया जा रहा है. विरोध करने वालों को देशद्रोही और नक्सली कहा जा रहा है. इसलिए नक्सलियों ने इस सरकार से मिलकर सबक सीखने की अपील की है. 16 फरवरी को भारत बंद का भी नक्सलियों ने समर्थन किया था. इसका उल्लेख पत्रक में किया गया है.