अमरावती: मराठा आरक्षण का मुद्दा और उसकी पृष्ठभूमि में मनोज जारांगे पाटिल की भूख हड़ताल ने हर तरफ ध्यान खींचा है। इस समय जरांगे पाटिल फिर से अंतरवाली सराती में भूख हड़ताल पर हैं। पांच दिन बाद भूख हड़ताल का असर सामने आने लगा। मराठवाड़ा में कई बसों पर पथराव किया गया, तोड़फोड़ की गई, आगजनी की गई, सड़कें जाम की गईं। जिसके चलते आगार प्रमुखों ने राज्य के अधिकांश जिला मुख्यालयों से मराठवाड़ा जाने वाली एसटी बसों को रोक दिया।
मराठा आरक्षण के संदर्भ में मनोज जरांगे-पाटिल द्वारा शुरू किए गए अनशन के दौरान गुस्साए प्रदर्शनकारियों द्वारा आगजनी, पथराव और सड़क अवरुद्ध करने से एसटी निगम को भारी नुकसान हुआ है। इस पृष्ठभूमि में, भले ही बंद एसटी बसों की सेवाएं आज से फिर से शुरू कर दी गई हैं, लेकिन पिछले सप्ताह में दो हजार से अधिक एसटी बसें रद्द कर दी गई हैं। इससे निगम को करीब 75 लाख का नुकसान हुआ है, जबकि अमरावती की 40 बस यात्राएं रद्द होने से 2.3 लाख का नुकसान हुआ है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य के 31 जिला मुख्यालयों ने मराठवाड़ा के विभिन्न शहरों के लिए कुल 2133 बस यात्राएं रद्द कर दीं। इससे एसटी महानदल को 74 लाख, 19 हजार, 414 रुपये का नुकसान हुआ। इस बीच जैसे ही सरकार ने मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की, आंदोलन समाप्त हो गया और संबंधित अधिकारियों ने कहा है कि पूरे राज्य में बस यात्राएं बहाल कर दी गई हैं।