



चिमूर (दि. 16 फेब्रुवारी):- समुचे विदर्भ सह मध्यभारत के श्रध्दास्थान श्री हरी बालाजी महाराज की घोडायात्रा की शुरुआत हो गई है. श्रद्धालुओ के लिये अहम माने जाने वाले रथ पर सवार अश्वरूढ भगवान श्रिकृष्ण के प्रतिमा का शहर प्ररीक्रमण ‘रातघोडा’ के नाम से जाना जाता है. यह उत्सव 22 फरवरी को रात 12 बजे से शुरू होगा. इसमें बडी संख्या मे श्रद्धालु भाग लेते है. रातभर शहर परिक्रमा के बाद यह रथ बालाजी मंदीर के प्रवेशव्दार पर स्थापीत किया जाता है.
महाशिवरात्री तक भक्त इस रथ के दर्शन कर सकते है. यह उत्सव 397 वर्षों से मनाया जा रहा है. बालाजी महाराज देवस्थान ट्रस्ट ने उत्सव के आयोजन की तयारी पुर्ण की है. यात्रा के दौरान लगने वाले मेले की तैय्यारी शुरु है. इस वर्ष दसवी व बारावी की बोर्ड परिक्षा भी 22 फरवरी से शुरू होने वाली है जिससे नेहरु विद्यालय में लगने वाले मेले को तालाब के उपरी छोर पर स्थानांतरीत किया गया है.