महिला आरक्षण में न हो जातिवाद सनातन में बेटियों की जाति नहीं होती – बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या

संघमित्रा मौर्या ने कहा कि आरक्षण की जब बात होती है तो कई जगह सांसदों और विधायक स्तर पर और ज्यादातर निचले स्तर पर ये देखा गया है कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल नाम मात्र का होता है. काम उनके पति कर रहे होते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. महिलाओं को आरक्षण मिलना गर्व बात है.सनातन में बेटियों की जाति नहीं होती, महिला आरक्षण में न हो जातिवाद- बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या
बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या

बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या ने महिला आरक्षण बिल पर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने TV9 भारतवर्ष से बातचीत के दौरान कहा कि महिला आरक्षण में जातिवाद न हो. सनातन में बेटियों की जाति नहीं होती. बता दें कि संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के बीच सोमवार को मोदी कैबिनेट की बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी गई है. इसके बाद से ही महिला सांसदों में ख़ुशी की लहर है. संघमित्रा मौर्या ने कहा कि केवल नाम मात्र का न हो प्रतिनिधित्व, महिलाओं को वाकई अवसर मिले. उन्होंने कहा कि कई जगह महिला आरक्षित सीटों पर केवल नाम की महिला सांसद, विधायक या प्रतिनिधि होते हैं, लेकिन काम पति कर रहे होते हैं, ऐसे में महिलाओं को आगे आना होगा, स्वयं ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए. तभी इस बिल का आना सार्थक होगा.

महिला आरक्षण में न हो जातिवाद  – बीजेपी सांसद ने कहा कि जो चर्चा है वो यदि होता है तो महिलाओं के लिए इससे बड़ी खुशी की बात क्या होगी. लेकिन आरक्षण की जब बात होती है तो कई जगह सांसदों और विधायक स्तर पर और ज्यादातर निचले स्तर पर ये देखा गया है कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल नाम मात्र का होता है. काम उनके पति कर रहे होते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए.

सनातन में महिलाओं की कोई जाति नहीं होती  – उन्होंने कहा कि महिलाओं को वाकई में मौका मिलना चाहिए. अपने कर्तव्यों का निर्वहन स्वयं करना चाहिए. संघमित्रा मौर्या ने कहा कि हम महिला हैं और हम आधी आबादी का नेतृत्व करते हैं. सनातन में महिलाओं की कोई जाति नहीं होती. इसलिए महिला आरक्षण में भी जाति की बात क्यों. महिलाओं को आरक्षण मिलना गर्व बात है.

महिला आरक्षण बिल आज लोकसभा में 7वीं बार पेश होगा  – बता दें कि लोकसभा में महिला आरक्षण बिल आज सातवीं बार पेश हो सकता है. आखिरी बार 2010 में पेश हुआ था. बिल को सोमवार को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई. महिला आरक्षण बिल अब तक 6 बार संसद में पेश किया गया है. पहली बार 1996 में देवेगौड़ा सरकार ने विधेयक पेश किया था. सूत्रों के मुताबिक, महिला आरक्षण बिल रोटेशनल बेस पर होगा. इनमें से एक तिहाई सीट एससी-एसटी के लिए रिजर्व होगी. वहीं, इस बिल को 21 सितंबर को राज्यसभा में पेश किया जाएगा.

                                                                                                                                                                                    Edited by : Divya kadgaye

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