यहां मिलेंगे रंगे बिरंगे तरबूज, बाहर से पीला…अंदर लाल, खेती से यह किसान मालामाल!

सुमित भारद्वाज/पानीपत: कहावत है कि खरबूजा खरबूजे को देखकर रंग बदलता है, लेकिन यह कहावत पानीपत के तरबूज के लिए भी कही जा सकती है. गर्मी में तरबूज खाना सभी को पसंद है. यह शरीर में पानी की कमी को दूर करता है, लेकिन पानीपत के तरबूज की बात कुछ और है. इन्हें देखते ही मुंह में पानी आ जाता है.

गर्मी के मौसम में तरबूज हर जगह आसानी से देखने को मिल जाते हैं और आपने तरबूज बहुत खाए होंगे, लेकिन क्या कभी आपने ऐसा तरबूज खाया है जो बाहर से पीला हो और अंदर से लाल या बाहर से हरा हो और अंदर से पीला. पानीपत में ऐसे रंग बिरंगे तरबूज आपको खाने के लिए मिल जाएंगे. पानीपत में ताइवान नस्ल के तरबूजों का स्वाद चखने को मिलेगा.

जिले के गांव सिवाह के किसान राम प्रताप के तरबूज के लोग दीवाने हैं. इन दिनों इस तरबूज की डिमांड बढ़ती जा रही है. किसान राम प्रताप ने इन तरबूजों की वैरायटी के बारे में बताया कि यहां पहले 3 किस्म के तरबूज उगते थे और इस सीजन में तीन थाईलैंड की नस्लों के तरबूज का इजाफा किया है. इन तरबूजों की बाजार में कीमत भी अलग-अलग मिलती है.

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ये हैं रेट
सामान्य तरबूज की तरह दिखने वाले तरबूज की कीमत 30 रुपये किलो है. वहीं अंदर से लाल और बाहर से पीला दिखने वाले तरबूज की कीमत 50 रुपये किलो है. अंदर से पीला और बाहर से हरा दिखने वाले तरबूज की कीमत भी 50 रुपये किलो है.

तीन नई किस्म के तरबूज
इस सीजन में राम प्रताप ने तरबूज की 3 नई किस्म उगाई हैं, जिनका नाम यलो मंच, ऑरेंज मंच और 24 कैरेट गोल्ड रखा है. ऑरेंज मंच बाहर से हरा और अंदर से नारंगी है. येलो मंच अंदर से पीला और बाहर से हरा है. वहीं 24 कैरेट गोल्ड अंदर से भी पीला और बाहर से भी पीला है, जिनकी कीमत बाजार में 50 रुपये प्रति किलो है.

एक लाख खर्च कर चार लाख कमाया
राम प्रताप ने बताया कि उन्होंने 2019 में ताइवान की नस्ल के बीज ट्रायल के तौर पर अपने खेत में लगाए थे और उनका ट्रायल सफल हुआ. वहीं इजरायल से आए एक डेलीगेशन ने रामप्रताप की खेती से खुश होकर उन्हें सम्मानित भी किया है. रामप्रताप ने बताया कि इन तरबूजों की खेती करने के लिए वह 1 लाख प्रति किलो के हिसाब से इसका बीज खरीद कर लाए थे और फिर उन्होंने 1 एकड़ में खेती की, जिसके बाद उन्हें 4 लाख प्रति एकड़ तक का मुनाफा हुआ. सामान्य तरबूज के बीज की कीमत बाजार में 25 से 30 हजार रुपये प्रति किलो है.

आर्गेनिक खेती से सब्जियां भी उगाते हैं
रामप्रताप खेत में फल और सब्जियों को ऑर्गेनिक तरीके से उगाते हैं और उनके पास लोग दूर-दूर से सब्जियां खरीदने के लिए भी आते हैं. वह बाजार की मंडियों में कभी भी अपने फल, सब्जियों को बेचने नहीं जाते, बल्कि लोग खुद ही उनके पास आकर फल और सब्जियां खरीदते हैं. रामप्रताप का कहना है कि वह अधिकांश समय अपने फल और सब्जियों की देखरेख में बिताते हैं और दूसरे किसानों को वह यही सलाह देते हैं कि पारंपरिक खेती को छोड़कर कुछ नया करने की सोच रखें. मेहनत जरूर ज्यादा लगेगी, पर मुनाफा भी ज्यादा मिलेगा.

Tags: Fruits, Money18, Panipat News, Summer Food

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