सावन की कालाष्टमी,करें भगवान शिव के अवतार काल भैरव को प्रसन्न

सावन का हर दिन ही पूजा-पाठके लिहाज से काफी खास माना जाता है. इस बार सावन दो महीने तक है. आज यानी कि 8 अगस्त को सावन की कालाष्टमी हैं. वैसे तो कालाष्टमी हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है.लेकिन सावन और अधिकमास होने की वजह से कालाष्टमी का महत्व और भी बढ़ गया है. कालाष्टमी को महादेव के उग्र अवतार काल भैरव को पूजा जाता है. काल भैरव स्तुति पाठ कर संकटों को आसानी से दूर भगाया जा सकता है. काल भैरव को प्रसन्न करने के आसान उपाय जानें यहां.काल भैरव को समर्पित कालाष्टमी व्रत की तिथि 8 अगस्त यानी कि आज 4 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी. यह तिथि कल यानी कि 9 अगस्त को दोपहर में 3 बजकर 52 मिनट तक चलेगी. धन संबंधी दिक्कतों से निजात पाने के लिए कालाष्टमी पर भगवान शिव को 21 बेलपत्र चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है|

कालाष्टमी के खास उपाय
कालाष्टमी पर बाबा काल भैरव की उपासना की जाती है. काल भैरव भगवान शिव के अवतार होने की वजह से इस दिन शिवलिंग की पूजा करने से शुभफल मिलता है. अधिकमास की कालाष्टमी पर शाम के समय शिवलिंग पर जलाभिषेक करें. इससे पहले दूध और दही से शिव का अभिषेक करें. लाल चंदन से 21 बेलपत्र पर ऊं लिखें और शिवलिंग पर चढ़ाएं.इन सभी 21 बेलपत्र को एक-एक कर शिव को अर्पण करना चाहिए. शिव पूजा के दौरान काल भैरव के ऊं हं षं नं गं कं सं खं काल भैरवाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए|  कालाष्टमी पर काले कुत्ते को मीठी रोटी खिलानी चाहिए. दरअसल कुत्ते को काल भैरव का वाहन माना जाता है इसीलिए इस दिन इस उपाय से संकट दूर होते हैं. भगवान काल भैरव के सामने कालाष्टमी को सरसों के तेल का चौमुख दीपक चलाना चाहिए. इस उपाय से काल भैरव अकाल मौत से भक्तों को बचाते हैं. कालाष्टमी पर शमी के पेड़ पर जल चढ़ाने से घर में होने वाले क्लेश दूर हो जाते हैं.रात के समय तेल का दीपक जलाने से जीवन सुखमय हो जाता है कुंडली में अगर कोई दोष है तो कालाष्टमी पर 125 ग्राम काले उड़द, 125 ग्राम काले तिल को 11 रुपए दक्षिणा के साथ काले कपड़े में बाध लें. इस पोटली को बाबा काल भैरव के चरणों में अर्पण कर दें. इस उपाय को करने से कुंडली के दोष दूर होते हैं|

क्या है कालाष्टमी का महत्व?
कालाष्टमी पर देवाधिदेव के अवतार काल भैरव की पूजा की जाती है. इस दिन का हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व है. बाबा काल भैरव को समय का रक्षक माना जाता है. मान्यता है कि काल भैरव की पूजा करने से घर में मौदूद नेगेटिव एनर्जी दूर हो जती है. धार्मित मान्यता है कि शिव के उग्र अलतार काल भैरव बाबा 52 शक्तिपीठों के रक्षक हैं. कालाष्टमी पर उनकी पूजा विधि विधान से करने पर वह प्रसन्न होते हैं और सभी कष्टों से अपने भक्तों को बचाते हैं|

Edited by : Switi Titirmare

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