दूर करें डेट की कन्फ्यूजन और देखें कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त

30 अगस्त को सावन का महीना समाप्त हो जाएगा और 31 अगस्त से भादों का महीना शुरू होगा. भादों के महीने में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इसी महीने में श्रीहरि विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तभी से इस दिन को कष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा.हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन कान्हा के बाल रूप की पूजा की जाती और उनको पंचामृत का भोग आदि चढ़ाया जाता है. इस साल कब मनाई जाएगी कष्ण जन्माष्टमी और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त जानें यहां|

कब मनाई जाएगी कष्ण जन्माष्टमी
भादों में कष्ण जन्माष्टमी की तिथि 6 सितंबर को दोपहर में3 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी और अष्टमी तिथि 7 सितंबर को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी.शास्त्रों और पुराणों में कहा गया है कि श्रीकष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में रात को 12 बजे हुआ था. इस तिथि के मुताबिक जन्माष्टमी का त्योहार आम जनमानस 6 सितंबर को मनाएगा. वहीं वैष्णव संप्रदाय कृष्ण जन्मोत्सव 7 सितंबर को मनाएगा.इस साल गृहस्थ लोग कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर को मनाएंगे|

कृष्ण जन्मोत्सव पूजा का शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त में की गई पूजा भगवान को प्रिय होती है और शुभफलदायी मानी जाती है. जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 7 सितंबर को रात 12 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.इस दौरान पूरे 46 मिनट कर पूजा का शुभु मुहूर्त बन रहा है. वहीं व्रत खोलने का समय 7 सितंबर को सुबह 6 बजकर 9 मिनट है. ये समय पूजा पाठ और व्रत खोलने के लिए उत्तम माना गया है|

क्या है कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार किसी जश्न से कम नहीं माना जाता है. इस दिन जगह-जगह दही-हांडी मनाई जाती है. पुराणों के मुताबिक धरती पर जब मथुरा के राजा कंस के अत्याचार से हाहाकार मचा हुआ था, तभी भगवान विष्णु ने कृष्ण रूप में धरती पर आठवां अवतार लेकर आम लोगों को कंस के अत्याचार से मुक्त कराया था. धार्मिक मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी पर कान्हा के बाल रूप की पूजा करने से अकाल मृत्यु का डर दूर होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है|

 

Edited by : Switi Titirmare 

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