अभी भी है पुरखों के बताये रास्तों पर लौटने का समय: प्रोफेसर डा० राहुल सिंह
संवाददाता: आशीष मौर्य वाराणसी: वेदों एवं अन्य आर्ष ग्रन्थों को श्रुति संज्ञा से अभिहित किया गया। पीढ़ी दर पीढ़ी यह ज्ञान कोश न केवल सुन-सुनाकर हस्तान्तरित होता रहा है बल्कि कहीं अधिक समृद्ध भी होता रहा है। किसी समाज की चिरन्तरता एवं वैचारिक पृष्ठभूमि का सुदृढ आधार इस बात पर निर्भर होता है कि उसकी … Read more