अवैध आरा मशीनों पर शिकंजा कसने के बजाय वन विभाग के जिम्मेदार भी निजी स्वार्थ व कमीशनबाजी में लिप्त

रिपोर्टर: अजय श्रीवास्तव 

महराजगंज: एक तरफ सरकार पौधरोपण कर हर प्रकार से हरियाली लाने के दिशा में प्रयास कर रही है दूसरी तरफ निजी स्वार्थ सिद्धि में मस्त वन विभाग अवैध आरा मशीनो से दुरभि संधि करके प्रतिदिन हजारो पेंड़ कटवाने पर उतारूँ है । पेड़-पौधों को लगाने के लिए सरकार हर वर्ष कोई नई योजना लाती है लेकिन इन सारी योजनाओं को अवैध आरा मशीने व वन विभाग धराशायी करने में लगे हैं। सरकारी रोक के बावजूद जनपद में अवैध रूप से आरा मशीनों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है।   कहीं रात में तो कहीं दिन में अवैध रूप से आरा मशीनें चलाई जा रही है। ऐसा नहीं है कि विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है, मिलीभगत के बाद उन्हेें आरा मशीनें चलाने की विभाग द्वारा छूट दी गई है व वन विभाग शिकायत के बावजूद कार्रवाई से बचता है। जब जांच करनी होती है तो दिखावा हेतु आरा मशीनों का पट्टा उतरवाकर मशीन को बंद दिखा दिया जाता है। जनपद में अवैध आरा मशीनों का संचालन सरकार और वन विभाग को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। हरियाली को समृद्ध करने की मंशा पर भी चोट पहुंच रही है।अवैध रूप से संचालित मशीनों पर प्रतिबंधित पेड़ों का भी चीरान होता है। सूत्रों की मानें तो शीशम, आम, सागौन, नीम, सिरसा सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ों को तस्कर अवैध आरा मशीनों तक पहुंचाते हैं। अवैध आरा मशीनों को संचालित करने वाले लोगों को विभाग की टीम कार्यवाही की सूचना पहले ही दे देती है बाद में टीम दिखावटी छापा मारती हैं । सूत्रों की माने तो संबंधित थाने के पुलिसकर्मी कार्रवाई की जानकारी पहले ही अवैध आरा मशीन संचालकों को दे देती है बाद में दिखावटी छापामारी करते हैं जिससे मशीन संचालित करने वाले मशीनों को बंद करके भाग जाते हैं।

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