कुमाऊं से जीतीं एकमात्र महिला, इस वजह से कार्यकाल भी रहा बस एक वर्ष; फिर आज तक कोई औरत नहीं बनी सांसद

नैनीताल-ऊधम सिंह नगर व अल्मोड़ा सीटों के अतीत को देखें तो अब तक केवल एक महिला प्रत्याशी ही संसद पहुंच सकी हैं। वह हैं भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की बहू इला पंत। उनका कार्यकाल भी सबसे कम यानी एक वर्ष का ही रहा। इनके पति केसी पंत ने नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट से जीत की हैट्रिक लगाई थी
हल्द्वानी। कुमाऊं में दो संसदीय क्षेत्र हैं। नैनीताल-ऊधम सिंह नगर व अल्मोड़ा। इन सीटों पर राष्ट्रीय स्तर के क्षत्रपों ने भी चुनाव लड़ा। रोमांचक मुकाबला होता रहा। मानसखंड की इन दोनों सीटों के अतीत को देखें तो अब तक केवल एक महिला प्रत्याशी ही संसद पहुंच सकी हैं। वह हैं भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की बहू इला पंत।
उनका कार्यकाल भी सबसे कम यानी एक वर्ष का ही रहा। जबकि इनके पति केसी पंत ने नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट से जीत की न केवल हैट्रिक लगाई थी, बल्कि कुमाऊं में सबसे अधिक समय तक कार्यकाल पूरा करने वाले सांसद भी बने। इस कार्यकाल के रिकार्ड को दोनों संसदीय सीटों पर अभी तक कोई नहीं तोड़ सका है।

वर्ष 1998 में हुए चुनाव में नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से भाजपा ने पंत परिवार की बहू इला पंत को चुनाव मैदान में उतारा था। जबकि मूल रूप से पंत परिवार कांग्रेस से ही जुड़ा रहा था। इस सीट पर कांग्रेस का ही वर्चस्व माना जाता था। तब राजनीति में महिलाओं की भागीदारी भी बहुत कम थी। 1999 में दोबारा लोकसभा चुनाव हो गए थे। इसलिए उनका कार्यकाल कम रहा।
इसके बाद से छह बार लोकसभा चुनाव हो गए हैं, लेकिन अभी तक एक भी महिला प्रत्याशी संसद नहीं पहुंच सकीं हैं। नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट से भाजपा और कांग्रेस ने किसी भी महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया। हालांकि, अल्मोड़ा सीट से हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत चुनाव अवश्य लड़ीं, लेकिन कभी जीत नहीं सकीं।
रिकार्ड पंत परिवार के पास
आजादी के बाद कई वर्षों तक कुमाऊं की राजनीति में पंत परिवार का दबदबा रहा। कई रिकार्ड भी अभी तक उन्हीं के नाम कायम हैं। गोविंद बल्लभ पंत के पुत्र और इला पंत के पति केसी पंत ने 1962 से लगातार तीन चुनाव जीते। पूरे 15 वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। अभी तक यह रिकार्ड बड़े क्षत्रप से लेकर कोई अन्य नेता नहीं तोड़ सका है।

बचदा चार और हरदा तीन बार जीतने पर भी पीछे
अल्मोड़ा से हरीश रावत यानी हरदा तीन बार चुनाव जीते, लेकिन उनका कार्यकाल 11 वर्ष (1980 से 1991) तक रहा। बची सिंह रावत यानी बचदा ने चार बार चुनाव जीता। वह सबसे अधिक बार चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी तो बने, लेकिन संसद में 13 वर्ष (1996 से 2009) तक ही रहे। वह अटल सरकार में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री व बाद में विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री भी बने।
अजय पर रिकार्ड की बराबरी की चुनौती
2024 के चुनाव में कुमाऊं की अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा तीसरी बार उतारे गए हैं। वह दो बार यानी 10 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। उनके सामने केसी पंत के 15 वर्ष के रिकार्ड की बराबरी करने की चुनौती है।
ये दिग्गज नेता भी रहे सांसद
अल्मोड़ा सीट से देवी दत्त पंत, बद्री दत्त पांडेय, मुरली मनोहर जोशी और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट से एनडी तिवारी, भगत सिंह कोश्यारी जैसे राष्ट्रीय स्तर के दिग्गज नेता भी सांसद बने

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