विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सुनाया फैसला, शिंदे गुट ही असली शिवसेना ; उध्दव ठाकरे को लगा बड़ा झटका

विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने अपना निर्णय सुनाते हुए  कहा विधायकों की आयोग्य साबित करने वाली याचिका खरिज कर दी है, “विधायक संपर्क से बाहर हो गए हैं, केवल इसी कारण से विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है। इसके अलावा, यह भी साबित हुआ कि ठाकरे समूह के मिलिंद नार्वेकर, रवींद्र फाटक ने सूरत में एकनाथ शिंदे से की थी मुलाकात, क्यूंकि यह साबित हो चुका है कि सत्ता हस्तांतरण के दौरान शिंदे की ही असली पार्टी है, इसलिए 21 जून 2022 को शिवसेना विधायक दल की बैठक से अनुपस्थिति के मुद्दे पर अयोग्यता का फैसला नहीं किया जा सकता है।”

विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने निर्णय सुनाते हुए कहा शिवसेना के संविधान में हुए संशोधन को असंवैधानिक बताया है व ये भी कहा कि “उद्धव ठाकरे के पक्ष प्रमुख यानि पार्टी प्रमुख पद को असंवैधानिक बताया है और  1999 के संविधान के अनुसार पार्टी में पार्टी प्रमुख का कोई पद नहीं था। जिसके अनुसार, उद्धव ठाकरे का नेतृत्व असंवैधानिक था।”
उद्धव ठाकरे को विधायक नेता के पद से हटाने की याचिका पर बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा, “पार्टी प्रमुख को विधायक दल के नेता को हटाने का अधिकर नहीं है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ही उन्हें हटा सकती है। वहीं उद्धव के पास कार्यकारणी का समर्थन नहीं था। इस अनुसार उद्धव ठाकरे के पास शिंदे को हटाने का कोई अधिकर नहीं है।”

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