कलकत्ता HC ने वन अधिकारियों को लगाई फटकार, कहा- गरीब परिवार को तुरंत दें मुआवजा

कलकत्ता HC ने वन अधिकारियों को लगाई फटकार, कहा- गरीब परिवार को तुरंत दें मुआवजा; जाने पूरा मामला

कलकत्ता हाईकोर्ट ने वन अधिकारियों को फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि अधिकारी मुआवजा नहीं देने के लिए यह बहाना नहीं लगा सकते कि जंगली जानवर का हमला कहां हुआ कहां नहीं। अदालत ने सुंदरबन में जंगली जानवर के हमले में मारे गए एक मछुआरे की विधवा को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। साथ ही माना कि अधिकारी इस बात में अंतर नहीं कर सकते कि व्यक्ति ने अपनी आजीविका कमाने के लिए मुख्य वन क्षेत्र या बफर जोन में प्रवेश किया है या नहीं। मृतक की पत्नी व याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि 18 नवंबर, 2021 में 37 साल के लखाई नस्कर सुंदबन में अपनी नाव से मछली पकड़ रहे थे, तभी बाघ ने हमला कर दिया। उन्हें तुरंत दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया, जहां दम तोड़ दिया न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने इस सप्ताह की शुरुआत में पश्चिम बंगाल के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को मुआवजा देने का निर्देश दिया। कहा कि इस साल 13 अक्तूबर तक मृतक की पत्नी को मुआवजा मिल जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि वन विभाग के अधिकारी भले ही मुआवजा न देने के लिए तर्क दें कि मृतक को मुख्य क्षेत्र में कदम रखने का दोषी ठहराया जाए, लेकिन ऐसा नहीं कर सकते।

न्यायमूर्ति ने कहा कि याचिकाकर्ता शांतिबाला नस्कर के पति को दोषी ठहराना सही नहीं है। आजीविका कमाने के लिए गरीब परिवार को दोषी नहीं ठहरा सकते। अदालत ने कहा कि आठ मार्च, 2021 को पश्चिम बंगाल में स्थित मुख्य वन संरक्षक के मुख्यालय के एक संचार में जंगली जानवरों द्वारा लूटपाट के कारण जीवन और संपत्ति के नुकसान के लिए मुआवजे में संशोधन की बात कही गई है। भट्टाचार्य ने कहा कि अधिकारी इस बात में अंतर नहीं कर सकते कि व्यक्ति ने अपनी आजीविका कमाने के लिए मुख्य वन क्षेत्र या बफर जोन में प्रवेश किया है या नहीं। अदालत ने मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।

Edited by : Switi Titirmare 

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