आज है गणेश चतुर्थी, जानिए प्रतिमा स्थापना का सही मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन पर भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना का विधान है.

गणेश चतुर्थी का पर्व मंगलवार से शुरू हो गया है. गणेशोत्सव 10 दिनों तक चलता है और 10 दिन बाद भक्त अपने घरों में विराजमान गणपति जी का धूमधाम से विसर्जन करते हैं. यह पर्व देशभर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन भारत के साउथ के राज्यों के साथ साथ महाराष्ट्र में विशेष रूप से मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी पर उनके भक्त उनकी प्रतिमा को बाजार से खरीदकर अपने घर में लाते हैं और पूरे विधि विधान के साथ उनकी स्थापना करते हैं.

गणेश महोत्सव का महत्व?
गणेश उत्सव भाद्रपद चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की स्थापना से शुरू होकर चतुर्दशी के दिन विसर्जन तक चलता है और इस दौरान गणपति जी का विधिवध रूप से पूजन किया जाता है. श्री गणेश को मोदक, अकिंचन, दूर्वा, नैवेद्य बहुत ही प्रिय हैं, इसलिए इन 10 दिनों में उन्हें ये चीजें अवश्य चढ़ाएं. कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी-विवाह, लगन-प्रसंग आदि को करने से पहले भगवान गणेश जी का ही स्मरण किया जाता है, उसके बाद बाकी देवी देवताओं की उपासना और शुभ, मांगलिक कार्य किए जाते हैं.

भगवान गणेश जी हिंदु धर्म में प्रथम दिवस के रूप में पूजनीय हैं, इसलिए गणेश चतुर्थी का महत्व अधिक है. किसी भी देवी देवताओं की पूजा अर्चना, किसी उत्सव या किसी भी शादी विवाह के कार्यक्रम या मांगलिक कार्यों को करने से पहले भगवान श्री गणेश को याद करना शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन अपने घरों में भगवान श्री गणेश की पूजा करने, उनकी प्रतिमा स्थापित करने से घर में खुशहाली बनी रहती है और जीवन में शांति बने रहने का आशीर्वाद मिलता है.

मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखने से या घर में भगवान गणपति की स्थापना करने से उस घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ वे अपने भक्तों के सारे कष्ट- विघ्न संकट दूर कर देते है.

गणेश चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी की तिथि 18 सितंबर 2023 दोपहर 12:39 बजे से शुरू हो गई है और यह चतुर्थी अगले दिन 19 सितंबर 2023 की दोपहर 1:43 पर समाप्त होगी. गणेशोत्सव के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर के दिन सुबह 10:50 से दोपहर 12:52 तक है. कुछ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भगवान श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना का शुभ मुहूर्त 19 सितंबर 2023 को गणेश चतुर्थी की सुबह 11:07 से लेकर 1:34 तक रहेगा.

वैदिक पंचांग के अनुसार, गणपति बप्पा को अनंत चतुर्दशी के दिन विदा यानी विसर्जित किया जाता है. पंचांग में गणेश चतुर्थी का समापन इस साल 28 सितंबर 2023 के दिन होगा और इसी अंनत चतुर्दशी दिन गणेश जी विसर्जित किया जाएगा.

गणेश चतुर्थी 2023 पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के दिन प्रात: काल उठकर स्नान करें.
स्नान करने के बाद गणेश चतुर्थी व्रत का संकल्प लें.
गणेश चतुर्थी के दिन पूजा घर की साफ सफाई करें.
पूरे अनुष्ठान के साथ भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापना कर उनकी उपासना करें.
उपासना करने के लिए शुभ मुहूर्त के दौरान ईशान कोण में ही चौकी की स्थापना करें.
चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाकर भगवान श्री गणेश को विराजमान करें.
भगवान गणेश को 16 रूपों में श्रद्धा सुमन अर्पित करें तथा पूरे विधि विधान से अगले 10 दिनों तक उनकी पूजा करें.
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को लड्डू और मोदक का भोग अवश्य चढ़ाएं. आप लड्डू और मोदक के अलावा कोई अन्य पकवान बनाकर चढ़ा सकते हैं.
गणेश महोत्सव को दौरान उत्तर पूजा का अनुष्ठान होता है. गणेश जी की स्थापना के बाद उनकी मूर्ति को कहीं ले जाने के लिए इस अनुष्ठान को करना अनिवार्य है.
गणेश महोत्सव का अंतिम पक्ष में गणपति विसर्जन का अनुष्ठान होता है जिसमें श्री गणेश जी की स्थापित मूर्ति का जल में विसर्जन किया जाता है.
गणेश महोत्सव के समापन पर भंडारे इत्यादि का आयोजन करना न भूलें.

                                                                                                                                                           Edited by : Switi Titirmare

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