देश के सर्वोच्च पद पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूरे किए 1 साल

नई दिल्ली : राष्ट्रपति के तौर पर मंगलवार को द्रौपदी मुर्मू ने अपने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का का ये कार्यकाल हर लिहाज से अभूतपूर्व रहा है. तमाम विषम परिस्थितियों का सफलतापूर्वक सामना कर ओडीशा के एक छोटे से गांव से रायसीना हिल तक की उनकी यह यात्रा उल्लेखनीय ह| 25 जुलाई 2022 को द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी मूल की महिला हैं, जो देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुईं हैं| राष्ट्रपति के पद पर संवैधानिक दायित्वों के अलावा महिला और आदिवासी समाज के उत्थान को लेकर राष्ट्रपति ने सराहनीय कदम उठाए हैं. अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ‘Her Story My Story’ के जरिये राष्ट्रपति ने महिलाओं के प्रति उनके सम्मान को बयान किया है| पिछले एक वर्ष में राष्ट्रपति ने 16000 से अधिक लोगों से सीधे मुलाक़ात की, जो कि एक रिकॉर्ड है. जनता के लिए द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आने को आसान बना दिया है. द्रौपदी मुर्मू के प्रयासों का परिणाम रहा कि पिछले एक साल में 90,000 लोगों ने राष्ट्रपति भवन का दौरा किया और 1 लाख 70 हज़ार लोगों ने राष्ट्रपति भवन संग्रहालय का दौरा किया, जबकि 10 लाख से अधिक लोगों ने अमृत उद्यान का दौरा किया है.राष्ट्रपति का युवाओं से भी जबरदस्त लगाव रहा है. पिछले एक साल में द्रौपदी मुर्मू ने आईआईटी दिल्ली, इग्नू, जेएनयू, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, आईआईआईटी धारवाड़, एनआईटी कुरुक्षेत्र, मिजोरम विश्वविद्यालय, विश्व भारती विश्वविद्यालय, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज सहित पूरे भारत के 18 शैक्षणिक संस्थाओं के दीक्षांत समारोहों को संबोधित किया है.द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचयद्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में 20 जून 1958 को एक आदिवासी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू था, जो अपनी परंपराओं के मुताबिक, गांव और समाज के मुखिया थे.द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक करियरद्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ओडिशा से भाजपा के साथ ही की. भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में हिस्सा लिया और जीत हासिल की. फिर भाजपा ने मुर्मू को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का उपाध्यक्ष बना दिया. इसके बाद ओडिशा में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार में साल 2000 से 2002 तक वह वाणिज्य और परिवहन स्वतंत्र प्रभार मंत्री रहीं.उन्होंने साल 2002 से 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री के तौर पर भी काम किया. मुर्मू ने ओडिशा के रायगंज विधानसभा सीट से विधायकी का चुनाव भी जीता. बाद में साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल नियुक्त हुईं. वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनीं|

 

Edited by : switi titirmare 

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