फर्जी चालान के जरिए लाखों की हेराफेरी; हैंडलर गिरफ्तार|

मुंबई : में आधार कार्ड और अन्य केवाईसी दस्तावेजों के जरिए फर्जी चालान बनाने वाले एक ग्रुप का भंडफोड़ हुआ है. यह ग्रुप नौकरियां, सब्सिडी और राशन प्रदान कराने की आड़ में विभिन्न व्यक्तियों की ओर से मिले केवाईसी दस्तावेजों के जरिए पहले फर्जी कंपनी बनाता था और फिर फर्जी बैंक खातों के जरिए जीएसटी चालान तैयार कर बड़े स्तर पर लोगों से धोखाधड़ी करता था|

डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंसकी जांच में पता चला है कि ये बड़े पैमाने पर फर्जी बिलिंग और नकली चालान तैयार करते थे जबकि वास्तविक में माल की आपूर्ति नहीं होती थी. खुफिया जानकारी के अनुसार इसमें से कई जीएसटीआईएन पहले ही संबंधित क्षेत्रात्रिकार अधिकारियों की ओर से रद्द कर दिए गए हैं|
हालांकि, जीएसटी पोर्टल में इन फर्मों में उल्लेखित मालिकों और निदेशकों का आज तक पता नहीं चल पाया है. ऐसा इसलिए क्योंकि फर्मों का संचालन और प्रबंधन कई व्यक्तियों के गठजोड़ से चल रहा था. अब खुफिया जानकारी मिलने के बाद अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया है|

ठिकानों से करीब 1 करोड़ कैश बरामद
तलाशी अभियान के दौरान डीजीजीआई की टीम को चेक बुक, एटीएम कार्ड, कंपनी नेमप्लेट्स, रबर स्टैंप के साथ-साथ करीब 1 करोड़ रुपए कैश भी बरामद किया गया है. शुरुआती जांच में पाया गया है कि इस नेक्सस में कई लोग शामिल हैं क्योंकि सिंडिकेट का संचालन ग्रुप की ओर से किया जा रहा था|

ग्रुप हैंडलर और संचालक गिरफ्तार
डीजीजीआई ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धाराओं के तहत ग्रुप हैंडलर और संचालक को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को कोर्ट में भी पेश किया गया जहां, अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.टीम इससे जुड़े और ग्रुपों ओर लोगों की तलाश में जुटी हुई है. क्योंकि अंदेशा है कि यह ग्रुप बड़े स्तर पर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था|

 

Edited by : switi titirmare

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