मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र एक बार फिर जल उठा है. गांव से शहरों तक विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. विधायकों के घरों को निशाना बनाया जा रहा है. तोड़फोड़-आगजनी की जा रही है. आरक्षण की मांग पर विधायक भी सरकार का साथ छोड़ रहे हैं. सोमवार की रात मुंबई में काफी हलचल रही. सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की अलग-अलग बैठकें हुईं. मुख्यमंत्री की मीटिंग में आरक्षण को लेकर एक कमेटी बनाने पर फैसला हुआ है|
कमेटी में तीन रिटायर्ड जज दिलीप भोसले, एमजी गायकवाड़ और संदीप शिंदे शामिल हैं. कमेटी की अगुवाई संदीप शिंदे करेंगे. यह कमेटी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार का मार्गदर्शन करेगी. कमेटी मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में भी मदद करेगी. एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समाज को आरक्षण देने पर प्रतिबद्धता जताई है. हालांकि, समुदाय की मांग पूरे महाराष्ट्र में आरक्षण लागू करने की है. आरक्षण की मांग पर लंबे समय से धरना दे रहे मनोज जरांगे ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर सरकार सिर्फ मराठवाड़ा में ही कुनबी समाज का सर्टिफिकेट देती है तो वह इसका विरोध करेंगे|
दोनों डिप्टी सीएम आरक्षण के मुद्दे पर हुई मीटिंग से रहे नदारद
आरक्षण के मुद्दे पर कमेटी बनाने का फैसला हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन मंत्री चंद्रकांत पाटिल की अध्यक्षता वाली एक सब-कमेटी की मीटिंग में हुआ है. हालात की गंभीरता को देखते हुए खुद सीएम ने मीटिंग की अध्यक्षता की. हालांकि, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस छत्तीसगढ़ के चुनाव में व्यस्त होने के चलते मीटिंग में नहीं पहुंचे. अन्य डिप्टी अजित पवार डेंगू से पीड़ित हैं और वह भी बैठक में शामिल नहीं हुए. मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया, “हमने मराठा आरक्षण पर एक सलाहकार बोर्ड का गठन किया है, जो सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई सुधारात्मक याचिका के संबंध में सरकार को सुझाव देगा.” सीएम ने बताया कि कमेटी के सदस्य मामले को पूरी तरह समझते है|
आरक्षण पर कमेटी ने की निज़ाम-युग के दस्तावेजों की जांच
कमेटी की अगुवाई कर रहे रिटायर्ड जस्टिस संदीप शिंदे ने सीएम की अध्यक्षा में हुई मीटिंग में 13 पन्नों की अपनी पहली रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट मराठों को कुनबी सर्टिफिकेट देने से संबंधित है, जिसमें चुनौतियों पर चर्चा की गई है. संदीप शिंदे की नेतृत्व वाली कमेटी मराठवाड़ा में मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए निज़ाम-युग के दस्तावेजों, वंश, शिक्षा और आय प्रमाण पत्र और उस अवधि के समझौतों की जांच कर रही है|
Edited by: Switi