मुफ्त उपचार के लिए बनवाएं गोल्डन कार्ड, जानें कैसे

नागपुर: महात्मा ज्योतिबा फुले जनआरोग्य योजना के तहत मुफ्त उपचार कराने के लिए नागरिकों को आयुष्यमान भारत गोल्डन कार्ड बनाना पड़ेगा. उपचार सुविधा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र द्वारा शुरू की गई योजना के तहत आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड बनाने की अवधि अब दिसंबर तक बढ़ाई गई है. राज्य में आयुष्मान भारत योजना के कार्ड देने की शुरुआत हो गई है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय डवले ने पहल करते हुए सभी तहसील स्तर, ग्रामपंचायत स्तर, ‘आपले सरकार केंद्र’ पर कार्ड बनाने की सुविधा दी गई है. सहायता एप्प से भी कार्ड बनाने की सुविधा है|

क्या है गोल्डन कार्ड?
आर्थिक रूप से कमजोर जनता कार्ड को बीमारियों का मुफ्त उपचार उपलब्ध कराने के की खोज लिए केंद्र सरकार की ओर से ‘आयुष्मान भारत की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ चलाई जाती है. इस योजना के माध्यम से लाभार्थी का 5 लाख रुपए तक जा सकती मुफ्त उपचार किया जाता है. योजना में 1 हजार 209 ऑपरेशन, चिकित्सा, उपचारों का समावेश है|

ऐसे बनाएं कार्ड
गोल्डन कार्ड बनाने के लिए पोर्टल बनाया गया है. वहीं, आशा सेविकाओं को भी कार्ड बनाने के लिए लॉग इन आईडी दी गई है. सबसे पहले मोबाइल में ‘गूगल प्ले स्टोर’ में जाकर ‘आयुष्मान एप्प’ डाउनलोड व इंस्टॉल करें. इसके बाद ‘आधार फेस आरडी’ इंस्टॉल करें.आयुष्यमान एप्प’ में ‘बेनेफिशियरी’ विकल्प चुनें. मोबाइल ओटीपी की सहायता से लॉगिन करें. ‘सर्च’ के विकल्प में जाकर नाम, आधार कार्ड नंबर और राशन ऑनलाइन आईडी द्वारा योग्य लाभार्थी की जा सकती है. योग्य लाभार्थी ई-केवाईसी आधार कार्ड से संलग्न अथवा ‘फेस ऑथ’ के माध्यम से पूरी की जा सकती है|

नागपुर के जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि ‘आयुष्मान भारत योजना’ भारत सरकार की आरोग्य योजना है. इस योजना के तहत सरकार लोगों को ‘आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड’ प्रदान करती है. आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर नागरिक अस्पताल जाकर 5 लाख रुपए तक मुफ्त उपचार ले सकते हैं. फिलहाल 5 लाख 25 हजार 520 नागरिकों के पास यह कार्ड है. 100 प्रतिशत लाभार्थियों के कार्ड बनाने का लक्ष्य है|

लाभार्थी 13 लाख कार्ड सिर्फ 5 लाख के पास
नागपुर जिले में 13 लाख 99 हजार 737 लाभार्थी हैं. इनमें से सिर्फ 5 लाख 25 हजार 520 नागरिकों के पास ही यह कार्ड है, शेष नागरिकों से कार्ड बनाने के लिए आगे आने का आह्वान स्वास्थ्य विभाग ने किया है|

Edited by: Switi Titirmare

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