वन विभाग ने किया बड़ा खुलासा, दुर्लभ कछुओं की तस्करी करने के लिए मिल रहा था 20 हजार रुपये मेहनताना

नागपुर: उतर प्रदेश के उन्नाव से भोपाल और नागपुर होकर चेन्नई तक दुर्लभ कछुओं की तस्करी करने वाले मामले में शामिल तीनों आरोपियों को बतौर मेहनताना 20 हजार रुपये दिए जा रहे थे। यह खुलासा वन विभाग की जांच में सामने आया है। डीआरआई की टीम ने 30 सितंबर को ट्रेन से कछुओं की तस्करी मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की तस्करी के मामले में DRI ने 30 सितम्बर को नागपुर रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन से RPF की मदद से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। पकड़े गए आरोपियों में मो.अहमद लाल मो.,फुलजादी मो. अहमद और सादिक हुसैन अहमद को गिरफ्तार किया था। सूत्रों की मानें तो सादिक को इन दुर्लभ कछुओं को ट्रेन से चेन्नई तक पहुचाने के लिए 10 हजार रुपये और 2 साथियों को मदद के लिए साथ जाने पर प्रत्येक को 5 हजार रुपये दिए जाते थे।

मुख्य सूत्राधार अतिक अंसारी के निर्देशानुसार ही इन कछुओं के बॉक्स को चेन्नई के तस्कर को सौंप दिए जाते थे, लेकिन इन दुर्लभ कछुओं की कीमत लाखों में होने का अंदाजा क्या ट्रांसपोर्ट करने वाले आरोपियों को था जिसकी जांच चल रही है। तो वही चेन्नई में इन कछुओं की डिलीवरी लेने वाला संदिग्ध आरोपी फरार हो गया इसके चलते चेन्नई पहुंची नागपुर वन विभाग की टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा है। पकड़े गए तीनों आरोपियों को 12 अक्टूबर को दोबारा न्यायालय में पेश किया गया था इसके बाद उन्हें दोबारा 15 अक्टूबर तक फॉरेस्ट कस्टडी रिमांड में भेज दिया गया है। वन विभाग के टीम अब इस मामले की से जुड़े तारों को खंगालने में जुट गई है।

Edited by: Switi Titirmare

 

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