अमरावती के कैदियों की अत्यधिक भीड़ के कारण सेंट्रल जेल में जगह की कमी

अमरावती: जेलें कैदियों से खचाखच भरी हैं, बैरकें खचाखच भरी हैं। इससे जेल की आंतरिक सुरक्षा को खतरा है। इस प्रकार, जेल में सुरक्षाकर्मियों की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है। कैदियों की अत्यधिक भीड़ के कारण सेंट्रल जेल में जगह की कमी हो रही है। अनजाने में हुई गलतियों के लिए सजा काट रहे कैदियों की बढ़ती संख्या से गृह विभाग चिंतित है। 18 से 35 वर्ष के कैदियों की संख्या चौंका देने वाली है। जैसे-जैसे जेलों में कैदियों की संख्या बढ़ती है, स्टाफ की कमी हो जाती है। मानसून सत्र के दौरान सरकार ने राज्य की जेलों में दो हजार सीटें मंजूर की हैं, जबकि जेलों में डकैती और हत्या के आरोप में बंद युवाओं की संख्या अधिक है। अमरावती सेंट्रल जेल में कैदियों की क्षमता 973 है जबकि यहां 1,475 कैदी बंद हैं। हत्या, डकैती, नक्सली, चोरी समेत मुंबई ब्लास्ट के आरोपियों को यहां हिरासत में रखा गया है। अमरावती सेंट्रल जेल में हत्या, डकैती और बलात्कार का आरोप वाले 1,475 से ज्यादा कैदी हैं। बहू प्रताड़ना की आरोपी महिलाएं भी यहां बंद हैं। अंडा बैरक में बहुचर्चित हत्याकांड के आरोपियों को रखा गया है। अमरावती सेंट्रल जेल में 1,475 कैदियों में से लगभग 700 कैदी 45 वर्ष से कम उम्र के हैं। यहां 18 से 35 वर्ष के कैदियों की संख्या अधिक है जिनकी संख्या 475 से 500 के आसपास है। इनमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष और महिला कैदी भी हैं और प्रशासन को उनके स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से भी निपटना पड़ता है।

Edited by : Switi Titirmare

 

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