मृत पुलिस कांस्टेबल ने दो लोगों दिया जीवनदान

नागपुर: उपराजधानी में अवयव दान यानि अंगदान की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है। ब्रेन डेड व्यक्ति के शरीर के जिंदा अंग कई अन्य मरीजों को जिंदगी दे सकते हैं। इस वर्ष नागपुर में अवयव दान के 14 मामले सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं। अंगदान की संख्या बढ़ी है लेकिन जरुरी है कि इस कार्य में और अधिक तेजी आए। इसी क्रम में एक पुलिस परिवार काउंसिलिंग के बाद पुलिस कांस्टेबल किशोर तिजारे के अंगों का दान करने के लिए राजी हुआ और उनके अंगो का दान किया है। किशोर तिजारे नमक पुलिस कांस्टेबल नागपुर शहर के काटोल रोड स्थित पुलिस मुख्यालय में कार्यरत थे। उनके परिवार में पुलिस कांस्टेबल पत्नी सपना, बेटी खुशी (12), हिमांशी (10) और बेटा मितांश (07) हैं। 08 अगस्त को वे ड्यूटी के दौरान किसी जरूरी काम से दोपहिया वाहन से गिट्टीखदान चौक जा रहे थे, तभी शाम करीब 7.30 बजे उनका एक्सीडेंट हो गया। हादसे में सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें न्यू एरा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद डॉक्टरों ने परिजनों को किशोर का अंगदान करने के लिए सुझाव दिया। काउंसलिंग के बाद परिवार अंगदान के लिए राजी हो गया। इसमें दो किडनी, लीवर और कॉर्निया दान करने की अनुमति दी गई। इसकी जानकारी डिविजनल ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन सेंटर, नागपुर को दी गई। इसके बाद जेडटीसीसी के प्रत्यारोपण समन्वयक दिनेश मंडपे ने प्रतीक्षा सूची की जाँच की और अंगों का वितरण किया। पुलिस कांस्टेबल किशोर तिजारे की किडनी 47 वर्षीय एक पुरुष मरीज को न्यू एरा अस्पताल में लगाई गई। उनकी दूसरी किडनी का दान एक 30 वर्षीय पुरुष को केयर हॉस्पिटल में किया गया। उनके चक्षुपताल यानि कॉर्निया का दान महात्मे आय बैंक में किया गया।

Edited by : Switi Titirmare 

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