अकोला में मिली प्राचीन जैन मूर्तियां

अकोला: मुर्तिजापुर तहसील की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत माना में हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध और जैन समाज के लोग एकसाथ रहते हैं. पिछले महीने मतंगपुरा में खुदाई के दौरान जैन धर्म की तीन मूर्तियां निकली थीं. कलेक्टर ने मूर्तियों को मुर्तिजापुर के जैन मंदिर में रखने का आदेश दिया. किंतु यह मूर्तियाँ गांव में ही रहें और यहां इनके लिए मंदिर इस बात को लेकर अब ग्रामीणों मजबूत आंदोलन शुरू कर दिया है|

कुछ महीने पहले मतंगपुरा में नागरिकों को खुदाई के दौरान जैन धर्म की तीन मूर्तियां मिली थीं. इन मूर्तियों को देखने के लिए दूर-दूर से जैन धर्म के लोग और मुर्तिजापुर विधायक हरीश पिंपले भी आए. विधायक हरीश पिंपले ने मूर्तियां माणगांव में रखने का वादा किया. हालाँकि, जैन धर्म के पुजारियों ने इन मूर्तियों को मूर्तिजापुर के जैन मंदिर में रखने को लेकर कलेक्टर कार्यालय में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कलेक्टर ने इन मूर्तियों को मूर्तिजापुर के जैन मंदिर में रखने का आदेश दिया था. नागरिकों ने विरोध किया कि यह मूर्ति गाँव में ही रहनी चाहिए. यह आंदोलन ग्राम पंचायत सचिवालय के सामने किया गया. इस आंदोलन के दौरान माणा के ग्राम पंचायत सरपंच जमील भाई कुरैशी ने कहा कि खुदवाई गई मूर्तियां माणा में ही रहेंगी|

कुरैशी ने कहा, “माणा में हम सभी धर्मों के लोग रहते हैं. जैन धर्म के धार्मिक गुरुओं को भी माणा में जैन धर्म का एक मंदिर बनवाना चाहिए और इन मूर्तियों को माणा में ही रखना चाहिए.”माणा ग्राम पंचायत के सरपंच जमील भाई कुरैशी, रत्नदीप डोंगरे, तोतारामजी चक्र, गोविंदराव कोकणे और माणा के नागरिकों ने चेतावनी दी कि अगर इन मूर्तियों को यहां नहीं रखा गया तो माणा गांव के सभी नागरिक कड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे|

Edited by : switi Titirmare

 

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