संवाददाता: सौरभ नागोत्रा
सिवनी जिले के जनपद शिक्षा केन्द्र लखनादौन, जनशिक्षक केन्द्र परासिया के अंतर्गत आने वाला प्राथमिक शाला भड़ारदौह में पदस्थ शिक्षक शोभाराम तेकाम द्वारा स्कूल में माध्यन भोजन संचालित कर रहे हैं जिसमें मिट्टी के चूल्हा में लकड़ियां जलाने का उपयोग किया जा रहा है गैस सिलेंडर का उपयोग नहीं किया जा रहा है इस संबंध में स्कूल में पदस्थ शिक्षक शोभाराम तेकाम से जानकारी पूछा गया जिसपर शिक्षक द्वारा बताया गया है कि लगभग दो वर्ष से एस.एम.सी.द्वारा माध्यन भोजन संचालित किया जा रहा है जिसमें मिट्टी का चूल्हा जलाया जा रहा है गैस चूल्हा नहीं जलाया जाता , क्योंकि आज दिनांक तक गैस चूल्हा जलाने के लिए गैस सिलेंडर के लिए सरकार से एक रुपया नहीं मिला, इतना ही नहीं बल्कि शिक्षक शोभाराम तेकाम द्वारा यह भी बताया गया है कि यह स्कूल में गैस सिलेंडर नहीं पहुंचता है लेकिन शिक्षक द्वारा बताने पर सवाल यह उठता है कि आखिर जब गैस सिलेंडर नहीं पहुंचने की स्थिति में शिक्षक द्वारा विभागीय अधिकारियों को लिखित में अवगत कराया जाना था जिससे गैस सिलेंडर की समस्या का हल अब तक हो जाता , लेकिन सवाल यह कि आज दिनांक तक गैस सिलेंडर की व्यवस्था क्यों नहीं हुई जोकि समझ से परे है या फिर ऐसा तो नहीं है कि शिक्षक शोभाराम तेकाम द्वारा हीला हवाला बता कर गैस सिलेंडर के पैसे से अपना जेब गरम करता हो अगर अपना जेब गरम नहीं करता है तो व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं हुआ जोकि समझ से परे है जबकि हकीकत यह है कि शासन प्रशासन द्वारा गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई है तो फिर शिक्षक द्वारा क्यों नहीं जलावाया जाता है गैस चूल्हा जबकि शिक्षक शोभाराम तेकाम द्वारा बताया गया है कि गैस सिलेंडर खत्म होने के बाद गैस सिलेंडर नहीं पहुंचता है तो ऐसी स्थिति में शिक्षक शोभाराम तेकाम क्यों नहीं करता है गैस सिलेंडर की बुकिंग़ अगर शिक्षक गैस सिलेंडर बुकिंग करता है तों गैस ऐजेंसी द्वारा स्कूल में क्यों गैस सिलेंडर उपलब्ध नहीं कराया जाता है जोकि समझ से परे है जबकि शासन-प्रशासन द्वारा इतनी सुख-सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है कि अगर गैस सिलेंडर खाली हो जाने पर आनलाइन फोन के माध्यम से गैस सिलेंडर बुकिंग करा सकते हैं लेकिन यह स्कूल में पदस्थ शिक्षक क्यों नहीं करता गैस सिलेंडर बुकिंग जोकि समझ से परे है
जबकि सुख-सुविधाएं शासन-प्रशासन द्वारा की गई है लेकिन यह स्कूल में यह सुख-सुविधाएं क्यों उपलब्ध नहीं हो पा रही है आखिरकार शासन-प्रशासन द्वारा दी गई सुख-सुविधाएं का लाभ यह स्कूल में पदस्थ शिक्षक शोभाराम तेकाम क्यों नहीं ले रहे प्रशासनिक लाभ क्यों जलवाया जा रहा है लकड़ी से चूल्हा, आखिरकार लकड़ी का चूल्हा जलाने से क्यों नहीं कर रहे है परेहज जोकि समझ से परे है आखिरकार शिक्षक द्वारा किचन सेट में लगीं हुई टाईल्स का क्यों नहीं कर पा रहा बचाव क्यों टाईल्स के ऊपर जलवाया जा रहा लकड़ियों से चूल्हा जोकि समझ से परे है जोकि लकड़ियां का चूल्हा जलाने से होता है धुआं जिससे रसोईघर की विल्डिंग पड़ती है काली होती है कमजोर जिसमें शिक्षक सब कुछ जानते हुये क्यों नहीं करता विल्डिंग का बचाव जोकि समझ से परे है इतना ही नहीं बल्कि चूल्हा जलाने के लिए जंगल पहाड़ से रसोइयों को लाना पड़ता है लकड़ीयां अगर स्कूल के लिए लकड़ियां लाने में जंगल पहाड़ में कुछ दुर्घटना हो जाती है तो उसका जवाबदार आखिर होगा कोन
शिक्षक शोभाराम तेकाम का कहना है कि रसोईयां स्वयं जिम्मेदार होंगी लेकिन
रसोईयां का कहना है कि स्कूल के लिए लकड़ियां लाने के लिए जंगल पहाड़ में किसी भी प्रकार कि अनहोनी दुर्घटना घटित होती है तो उसका जवाबदार जिम्मेदार शिक्षक होगा आखिर क्यों शिक्षक एवं रसोईयां एक-दूसरे
के ऊपर आरोप लगाया रहे है कि जंगल पहाड़ में धोखे से कोई दुर्घटना होती है एक दूसरे को क्यों कहा जा रहा है जवाबदार ,जोकि समझ से परे है आखिरकार जवाबदार होने का आरोप लगाया जा रहा है क्यों गैस सिलेंडर की व्यवस्था क्यों नहीं की जाती है शिक्षक द्वारा , ऐसा तो नहीं है कि शिक्षक शोभाराम तेकाम द्वारा अपना पल्ला झाड़ते हुए अपना बचाव कर शासन-प्रशासन को बदनाम करते हुए और अपना बचाव करता है यह बात का तभी पर्दाफाश होगा जब संबंधित अधिकारियों द्वारा सूक्ष्मता से निष्पक्ष जांच होगी अब यह देखना होगा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा कब-तक शिक्षक शोभाराम तेकाम द्वारा आरोप लगाया है कि आज दिनांक तक गैस चूल्हा जलाने के लिए एक रुपए नहीं मिला शासन-प्रशासन से इसका कब-तक अधिकारी कर पाते हैं पर्दाफाश।