तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में अंगदान को बढ़ावा देने वालों के लिए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा है जो भी व्यक्ति दूसरों को जीवन देने के मकसद से अंगदान करते हैं, उससे बढ़कर कुछ नहीं, उनके इ्स योगदान को बलिदान माना जाएगा. उन्होंने कहा कि अंगदान करने वाले व्यक्ति का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु सरकार का ये फैसला राज्य में अंगदान को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है.न तमिलनाडु में हर साल 2008 से ही 23 सितंबर को अंगदान दिवस मनाया जाता है. इसी मौके पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ऐलान किया कि उनकी सरकार राज्य के अंगदाताओं के अंतिम संस्कार को पूर्ण राजकीय सम्मान देगी. यह राजकीय सम्मान उन लोगों को दिया जाएगा जिन्होंने अंगदान देकर किसी की जान बचाई हो|
अंग दान में पारदर्शिता लाने की मांग
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की इस घोषणा की प्रशंसा हो रही है. इसकी सराहना करते हुए पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के प्रमुख अंबुमणि रामदास ने कहा कि इससे बढ़कर कोई सम्मान नहीं होगा. क्योंकि यह फैसला उन लोगों के निस्वार्थ बलिदान का सम्मान करता है जिन्हें ‘ब्रेन डेड’ घोषित कर दिया गया था इसी के साथ पीएमके नेता ने सरकार से अंगदान में पारदर्शिता लाने का भी आग्रह किया है. उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग सरकारी अस्पतालों से इलाज कराते हैं, उन्हें अंगों के आवंटन में प्राथमिकता दी जानी चाहिए|
अब तक 6000 से ज्यादा अंगदान
साल 2008 में राज्य में ऑर्गन ट्रांसप्लांट शुरू होने के साल 17 सौ से ज्यादा अंग दान करने वाले लोग सामने आ गये थे. जानकारी के मुताबिक राज्य में अब तक 6000 से ज्यादा मरीजों को अंगदान किया जा चुका है. इनमें ह्रदय, फेफड़े, गुर्दे, लीवर, आंतें, कॉर्निया, हड्डी, स्किन ट्रांसप्लांट शामिल है. वर्तमान में प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अंग प्रत्यारोपण यूनिटों की संख्या तेरह हैं. इसी के साथ राज्य सरकार ने सत्ताईस दूसरे मेडिकल कॉलेजों में इस संबंध में सुविधाएं विकसित करने का फैसला किया है|
Edited by : Switi Titirmare