दिल्ली सेवा अधिनियम अब बना कानून, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज शनिवार को संसद के हंगामेदार मानसून सत्र के दौरान पारित विधेयक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार विधेयक को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद दिल्ली सेवा अधिनियम अब कानून बन गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली सेवा अधिनियम के अलावा तीन अन्य विधेयक डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, जन्म और मृत्यु पंजीकरण विधेयक, जन विश्वास विधेयक पर भी हस्ताक्षर किए हैं। अब इन कानूनों पर विपक्षी दलों ने विरोध जताया है। अरविंद केजरीवाल सरकार और विपक्षी एकता को झटका देते हुए, राज्यसभा ने पहले नियुक्तियों और तबादलों सहित दिल्ली सरकार के अधिकारियों से संबंधित विधेयक पारित किया था, जो अब कानून बन गया है। अब अफसरों के नियुक्तियों और तबादलों से जुड़े अधिकार मामलों पर केंद्र को अधिक शक्ति मिल गई है। राज्यसभा में वोटों दिल्ली सेवा विधेयक के पक्ष में सत्तारूढ़ गठबंधन को 131 सदस्यों का समर्थन मिला था। वहीं 102 सांसदों ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया था। यह विधेयक 3 अगस्त 2023 को लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका था जहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास बहुमत है। संसद में विधेयक के पारित होने को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और शरद पवार की एनसीपी सहित 26 विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की पहली हार के रूप में देखा जा सकता है। विपक्ष इस विधेयक को राज्यसभा में हराने की उम्मीद कर रहा था, जहां भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास बहुमत नहीं है, लेकिन वाईएससीआरपी और बीजू जनता दल जैसे दल भाजपा के बचाव में आए।

Edited by : Switi Titirmare 

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