सर्वे से सामने आएगा, अयोध्या का फैसला

ज्ञानवापी पर हिंदू पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी जीत मिली है. कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में के सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाई है. परिसर में वजूखाने वाले हिस्से को छोड़कर सर्वे होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रिपोर्ट डिस्ट्रिक्ट जज की अदालत में पूर्व के आदेश के मुताबिक दाखिल की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि परिसर में किसी भी तरह की तोड़फोड़ नहीं होगी. अपने फैसले में अदालत ने कहा है कि सर्वे से सच सामने आएगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी सर्वे की बात कही है, सर्वे से सच सामने आएगा. ये तो आपके मामले में काम आएगा. इसमें आप हमारा अयोध्या वाला फैसला ही देख लीजिए. शीर्ष अदालत ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई की.उच्च न्यायालय ने गुरुवार को ज्ञानवापी समिति की ओर से दायर वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें जिला अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी. जिला अदालत ने एएसआई को यह निर्धारित करने के लिए सर्वे करने का निर्देश दिया गया था कि क्या मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर पर बनाई गई थी|

परिसर में शुरू हुआ सर्वे
इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद की एक टीम ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुक्रवार सुबह शुरू कर दिया. हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा कि एक टीम सुबह करीब 7 बजे परिसर में दाखिल हुई और काम शुरू किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान हिंदू याचिकाकर्ता अपने वकीलों के साथ मौजूद रहे. मुस्लिम पक्ष की तरफ से कोई उपस्थित नहीं है. इलाहाबाद हाई कोर्ट से पहले वाराणसी की जिला अदालत के निर्णय के बाद की टीम ने 24 जुलाई को भी ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का काम शुरू किया था, लेकिन कुछ ही घंटों बाद मस्जिद से जुड़ी कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने इस सर्वे पर तत्काल रोक लगा दी थी और मामले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष रखने को कहा था. उच्च न्यायालय ने 3 अगस्त को फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी और ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था|

Edited by : Switi Titirmare 

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