अमित शाह का दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर चर्चा करते हुए कई खुलासे कर दिए। उन्होंने विजिलेंस महकमे से जुड़ी कई फाइलों का जिक्र किया। अमित शाह ने कहा, 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई, जिसका मकसद सिर्फ जनसेवा करना नहीं था।
यहां पर समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार हासिल करने की भी नहीं थी। इसके पीछे जो वजह थी वह केजरीवाल द्वारा अपना बंगला बनाने में हुए भ्रष्टाचार छिपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्जा करना था। आबकारी विभाग में हुए भ्रष्टाचार, जिसके चलते उनके डिप्टी सीएम को जेल में जाना पड़ा, इसकी फाइलें विजिलेंस विभाग से हटानी थी। इस वजह से अब विपक्ष, दिल्ली सेवा बिल का विरोध कर रहा है। बता दें कि दिल्ली अध्यादेश के खिलाफ 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई हुई थी तो केंद्र सरकार ने कहा था, आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार सतर्कता विभाग के अधिकारियों का उत्पीड़न कर रही है। उसके चलते ही ये अध्यादेश लाया गया है। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत के समक्ष कहा, दिल्ली की केजरीवाल सरकार अवैध तरीके से फाइलों पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है। दिल्ली सरकार की शराब नीति और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर जो रेनोवेशन हुआ, इन मामलों की जांच विजिलेंस के पास है। दिल्ली सरकार ने जांच की फाइलों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। केंद्र सरकार ने 19 मई को एक अध्यादेश के जरिए सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया था, जिसमें अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग सहित सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को कार्यकारी शक्तियां दी गई थीं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, दिल्ली बहुत तेजी से पैदा हुई शर्मनाक स्थिति के कारण अध्यादेश को तत्काल रूप से लाने पर मजबूर हुई है। संसद के अगले सत्र का इंतजार करने से राष्ट्रीय राजधानी ‘पंगु’ हो जाती।

केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया, दिल्ली सरकार के मंत्री, अफसरों को धमकियां देते हैं। गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार पर यह आरोप लगाया कि सतर्कता विभाग के अधिकारियों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। विजिलेंस की फाइलों को गैरकानूनी तरीके से अपने कब्जे में लिया गया। अधिकारियों के चैंबर में जबरन घुसने का आरोप लगाया गया। विजिलेंस के कब्जे से दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले, केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण की जांच, दिल्ली सरकार की ओर से प्रायोजित विज्ञापनों और निजी कंपनियों को दी गई बिजली सब्सिडी से संबंधित फाइलें हासिल करने का प्रयास किया गया। दिल्ली पुलिस ने विजिलेंस निदेशालय से अहम फाइलें कथित तौर पर हटाने का मामला दर्ज किया था। हालांकि इस केस में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया। आप सरकार ने इस एफआईआर को झूठा बताया था। डीसीपी संजय सैन ने कहा था कि सतर्कता निदेशालय के विशेष सचिव वाईवीवीजे राजशेखर के कमरे से गोपनीय रिकॉर्ड को ‘अनधिकृत रूप से हटाने’ बाबत आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन में शिकायत प्राप्त हुई थी। राजशेखर ने दावा किया था कि उनके पास कुछ ऐसी फाइलें थी, जिनकी जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही थी। सबूतों को नष्ट करने और जांच में देरी करने के मकसद से फाइलों की कथित गोपनीयता के साथ समझौता हुआ था। राज शेखर ने कथित तौर पर विजिलेंस विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाया था कि उन्होंने अतिसंवेदनशील फाइलें उठाई हैं।

Edited by : Switi Titirmare 

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