शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथावाचक ने सुनाया शिव विवाह का प्रसंग

संवाददाता :- शिवेंद्र मिश्रा

चन्देरी नगर के बीचों-बीच बनी सांडा कॉलोनी स्थित श्री श्री 1008 श्री विश्वेश्वर महादेव मंदिर परिसर में संगीतमय श्री शिव महापुराण कथा श्रवण करने आस पास के नगरवासी व बड़ी संख्या में महिला पुरूष उमड़ रहे है। रविवार को कथा के तीसरे दिन कथावाचक पंडित सुरेश नारायण तिवारी जी महाराज ने शिव विवाह की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही शिव में लीन हो जाना है। भगवान शंकर वैराग्य के देवता माने गये है। बाबजूद शिव ने विवाह कर गृहस्थ आश्रम में रहकर वैराग्य धर्म का अनुसरण करने का तरीका दिया। कथावाचक ने कहा कि शिव परिवार में भगवान का वाहन नंदी, मां पार्वती का शेर, गणेश जी का मूषक और कार्तिकेय का वाहन मोर है। सभी विपरीत विचारधारा के बीच सामंजस्य रखना शिव पुराण सिखाता है। उन्होनें भगवान के विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि मैना देवी व हिमालय राज की पुत्री के रूप में मां पार्वती जन्म लेकर भगवान शिव की घोर तपस्या की। उसी दौरान तारका सुर के आतंक को खत्म करने के लिये शिव का तंद्रा भंग हुई। तब जाकर शिव का विवाह हुआ। इस दौरान भगवान शिव की एवं माता पार्वती की झांकी भी सजाई गई। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तजनों ने शिव महापुराण कथा का रसपान किया।

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