न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को न करे अनदेखा,गम्भीर विमारी का हो सकता है कारक

रिपोर्टर: अजय श्रीवास्तव

जनपद के केएमसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट बताते है कि न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के बारे मे जानकारी अत्यन्त आवश्यक है । जानकारी के आभाव में बहुत से लोग गम्भीर विमारीओं को अंदेखा करते है । प्रायः यह देखा गया है कि न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से पिडित मरीज न्यूरोलॉजिस्ट तक पहुचने के पहले अपनी समस्या को काफी बडा कर चुका होता है । मेडिकल की भाषा मे कहा जाता है कि विमारी की पहचान जितनी जल्दी होती है उसका इतनी जल्दी इलाज संभव है । न्यूरो संबंधित बीमारियों के विशेषज्ञ केएमसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डा अजय गहलोत ने बताया कि हमारे पास रोज अनेक मरीज आ रहे है जिनकी समस्यायें काफी जटिल हाे चुकी रहती है । न्यूरो संबंधित बीमारियों मे लक्षण को समय पर पहचाना जरूरी है । समान्यतः न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के कारण आपको चलने, बोलने, निगलने, सांस लेने या सीखने में परेशानी हो सकती है। ये आपकी याददाश्त, इंद्रियों या मनोदशा से संबंधित समस्याओं का भी कारण बन सकती हैं। न्यूरोलॉजिकल विकार कुछ स्थितियों में गंभीर भी माने जाते हैं, जिसमे जान जाने का भी जोखिम रहता है। एक न्यूरोलॉजिस्ट मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और परिधीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाले विकारों के उपचार और निदान करता है । जिनमें सिरदर्द, नींद संबंधी विकार, मल्टीपल स्केलेरोसिस , मिर्गी, न्यूरोपैथिक दर्द, मनोभ्रंश, पार्किंसंस रोग और स्ट्रोक शामिल हैं। न्यूरोलॉजिक बीमारियां नींद को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे व्यक्ति सोते समय चिंतित या उत्तेजित हो सकता है और इस प्रकार दिन के दौरान थका हुआ महसूस करता है और उसे नींद आती रहती है। न्यूरोलॉजिक लक्षण मामूली हो सकते हैं जैसे कि एक पैर जो सो गया हो या जीवनघातक (जैसे आघात के कारण कोमा)। तंत्रिका संबंधी समस्याओं के विशिष्ट कारण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसमें आनुवंशिक विकार, जन्मजात असामान्यताएं या विकार, संक्रमण, कुपोषण सहित जीवनशैली या पर्यावरणीय स्वास्थ्य समस्याएं, तथा मस्तिष्क की चोट, रीढ़ की हड्डी की चोट या तंत्रिका की चोट शामिल हो सकती हैं। लक्षणों के उदाहरणों में पक्षाघात , मांसपेशियों की कमजोरी , खराब समन्वय ,संवेदना की हानि, दौरे , भ्रम , दर्द , ताओपैथी और चेतना के स्तर में बदलाव शामिल हैं । कुछ अपेक्षाकृत सामान्य हैं, लेकिन कई दुर्लभ हैं लक्षण भी हो सकते है जैसे कि सिर, गर्दन, पीठ या शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द का होना। अंगों का फड़कना, या झुनझुनी और कमजोरी का होना। आंखों की रोशनी का कमजोर होना, चक्कर आना और बोलने या निगलने में परेशानी का सामना करना। दौरे पड़ना, अंगों का मरोड़ना और बार-बार बेहोश होना। इसमे किसी तरह के लक्षण हाने पर तुरन्त न्यूरोलॉजिस्ट से सम्पर्क करना चाहिए । केएमसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल मे प्रत्येक दिन न्यूरोलॉजिस्ट उपलब्ध है ।

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